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अपील : “राष्ट्रहित में सक्षम व्यक्तियों को वँचित समाज के असहाय और जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए यही सच्ची मानवता है।” — वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान

आग्रह : 14 अप्रेल, पूजनीय बाबा साहेब की जन्म जयंती पर हमें अपने आसपास के असहाय और वंचित वर्ग के लिए योगदान देना चाहिए ताकि वंचित समाज का सर्वांगीण उत्थान संभव हो सके —– वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान

आगरा, संजय साग़र सिंह। वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान की फाउंडेशन हर साल 14 अप्रेल, डॉ. बाबा साहेब की जन्म जयंती पर अपने आसपास के असहाय और वंचित वर्ग के लिए योगदान कर निरंतर सरहानीय कार्य कर रही हैं, इसीक्रम में इस साल भी उनके जन्मदिवस को ज्ञान दिवस के रूप में मनाने के उपरांत जरुरतमंद बच्चो एवं असहाय महिलाओं और ग़रीब को खाद्य सामग्री एवं शिक्षा सामग्री वितरण की जाएगी।

सर्व समाज में गरीबों की सेवा और परोपकार की भावना को प्रोत्साहित करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान का यह मानना है कि 14 अप्रेल, को पूजनीय डॉ. बाबा साहेब जी की जन्म जयंती पर हमें अपने आसपास के असहाय वंचित वर्ग एवं जरुरतमंद बच्चो व असहाय महिलाओं और गरीबों के लिए योगदान करना से न केवल उन्हें राहत मिलती है, बल्कि स्वयं को भी एक सुखद और संतोषजनक अनुभव प्राप्त होता है। उनकी फाउंडेशन हर साल 14 अप्रेल को असहाय और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा और खाद्य सामग्री वितरण का कार्य करती है, जिससे वँचितों का भला हो सके। इस वर्ष भी, इस पहल के तहत असहाय वँचित वर्ग के बच्चों, महिलाओं एवं बुजुर्गों को जरूरी सामग्री प्रदान की जाएगी।

श्री मुशरफ खान ने आगे कहा कि 14 अप्रेल, पूजनीय डॉ. बाबा साहेब की जन्म जयंती पर प्रत्येक व्यक्ति को समय निकालकर असहाय वँचित वर्ग के लोगों की मदद करनी चाहिए। हमारे जीवन में कामकाजी दबाव और व्यस्तता के बावजूद, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जब भी अवसर मिले, हमें अपने आसपास के वंचित वर्ग के लिए योगदान देना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि जब हम वँचितों की मदद करने का मन बनाते हैं, तो ऐसे भले लोग और संस्थाएं हमारे मार्गदर्शन में आ जाती हैं, जो हमें वँचित समाज की सेवा के लिए प्रेरित करती हैं। राष्ट्रहित में, इस तरह के अच्छे प्रयासों से सर्व समाज में वँचितों की सेवा और परोपकार की भावना फैलती है, जिससे वँचित समाज सशक्त और प्रगति की ओर बढ़ता है।

आखिर में, वरिष्ठ समाजसेवी मुशरफ खान ने सभी से अपील की कि प्रत्येक सक्षम व्यक्ति को वँचित समाज के असहाय और जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आना चाहिए क्योंकि यही सच्ची मानवता है और इससे समाज का सर्वांगीण उत्थान भी संभव है। हर सक्षम व्यक्ति को असहाय जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए समय निकालना चाहिए।

वहीं, वँचित वर्ग के लोग ने बताया कि सर्व समाज में सेवा और परोपकार की भावना को प्रोत्साहित करने के लिए “खान साहब का योगदान” सराहनीय है। भगवान उनका भला करें।

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