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‘एक कलाकृति’ ने दर्शकों को सोचने पर किया मजबूर, नटरंग स्टूडियो में मंचन ने बटोरी सराहना

सबका जम्मू कश्मीर

जम्मू, 27 जुलाई: नटरंग स्टूडियो थिएटर में रविवार को आयोजित ‘संडे थिएटर सीरीज़’ के अंतर्गत प्रसिद्ध रूसी लेखक एंतोन चेखव द्वारा लिखित और सत्येंद्र शरत द्वारा हिंदी में अनूदित नाटक ‘एक कलाकृति’ का प्रभावशाली मंचन किया गया। इस नाटक का निर्देशन जाने-माने रंगकर्मी नीरज कांत ने किया।

नाटक ने समाज की मानसिकता और दृष्टिकोण पर करारा व्यंग्य करते हुए यह दिखाया कि एक ही वस्तु को लोग अलग-अलग नजरिए से कैसे देखते हैं। कहानी की शुरुआत एक वृद्धा के घर से होती है, जो अपने दिवंगत पति की यादों में डूबी हुई उसकी पुरानी वस्तुएं तलाश रही होती है। इसी दौरान उसे प्रेम और सौंदर्य की देवी वीनस की एक सुंदर मूर्ति मिलती है।

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बेटा उस मूर्ति को कबाड़ मानकर त्याग देना चाहता है, लेकिन मां उस मूर्ति को भावनात्मक रूप से मूल्यवान मानती है और सुझाव देती है कि इसे उस डॉक्टर को भेंट किया जाए, जिसने बेटे की जान बचाई थी।

डॉक्टर उपहार से खुश तो होता है लेकिन सामाजिक सोच और पेशेवर सीमाओं के चलते वह इसे अपने पास रखने से कतराता है और आगे अपने वकील मित्र को भेंट कर देता है। वकील से होती हुई यह मूर्ति अभिनेता तक पहुंचती है, लेकिन वहां भी इसे लेकर विवाद खड़ा हो जाता है।

नाटक इस बात को बड़े ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करता है कि कोई भी वस्तु स्वभाव से अश्लील या सुंदर नहीं होती, बल्कि व्यक्ति की सोच और मानसिकता ही उसकी व्याख्या तय करती है।

इस मंचन में नटरंग कलाकारों ने जीवंत अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। प्रमुख भूमिकाओं में कननप्रीत कौर (मां), आर्यन शर्मा (बेटा), पवन वर्मा (डॉक्टर), कुशल भट (वकील), शिवम सिंह (शिश्किन), मीनाक्षी भगत (नताशा), आदक्ष बगाल (मेकअप मैन), और कार्तिक कुमार (कबाड़ी वाला) ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।

नाटक की प्रकाश व्यवस्था एवं डिज़ाइन नीरज कांत द्वारा और संगीत संयोजन वंदना ठाकुर द्वारा किया गया। संपूर्ण कार्यक्रम का सफल समन्वय मोहम्मद यासीन ने संभाला।

दर्शकों ने प्रस्तुति की भूरी-भूरी प्रशंसा की और नटरंग की इस रचनात्मक पहल को समाज में सोच को झकझोरने वाला करार दिया।

 

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