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जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभु स्वामी का मनाया गया ज्ञान कल्याणक महोत्सव

अनुज ‌‌श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। रविवार को जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चन्द्रप्रभु स्वामी का ज्ञान कल्याणक महोत्सव श्री चन्द्रप्रभु जी दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र,जियातमोलीन की गली, मंदिर पटना में धूमधाम के साथ भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रातः जिनमन्दिर में मंगलाष्टक से प्रारम्भ हुई, इसके पश्चात भगवान का अभिषेक तथा वृहद शांतिधारा की गई। इसके बाद भगवान चन्द्रप्रभु स्वामी की ज्ञान कल्याणक की पूजा कर भव्य मंगल आरती की गई। मौके पर बिहार दिगम्बर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी के सचिव पराग जैन ने बताया कि इस चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर में विराजमान सभी भगवान की प्रतिमायें लगभग 600 वर्ष से भी अधिक प्राचीन एवं अतिशयकारी होने के कारण यहाँ दर्शनार्थ जैन तीर्थ यात्री आते रहते है। एम पी जैन ने बताया कि कार्यक्रम में विनोद जैन, विजय जैन, सोनु जैन, सवि जैन, मंजू जैन, नेहा जैन, नैतिक जैन एवं स्थानीय जैन समाज उपस्थित थे। एम पी जैन ने बताया कि जैन धर्म के आठवें तीर्थंकर भगवान चंद्रप्रभु का ज्ञान कल्याणक फागुन कृष्ण सप्तमी को मनाया जाता है. भगवान चंद्रप्रभु का जन्म वाराणसी के चंद्रपुरी में हुआ था. उनका जन्म पौष कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को हुआ था. चंद्रप्रभु भगवान के बारे में एक और बात यह है कि चंद्रमा की तरह संसार के भौतिक सुख और इच्छाएं बढ़ती-घटती रहती हैं. जन्म से मृत्यु तक जीवन-कलाएं घटती-बढ़ती रहती हैं, इसलिए ये नश्वर हैं. इस नश्वर संसार में भी चंद्रमा हमें आभायुक्त बने रहने का संदेश देता है. अगर शुभ भावों का उदय होगा, तो जीवन विकसित होता हुआ एक दिन पूर्णिमा तक पूर्णोदय प्राप्त हो जाएगा.

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