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किसान सभा ने मध्य प्रदेश में किसान नेताओं की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की, कहा : पुलिस कार्यवाही अवैध और संविधान विरोधी, 16 को ग्रामीण बंद सफल बनाने की अपील

छत्तीसगढ/रायपुर। अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध छत्तीसगढ़ किसान सभा ने 16 फरवरी को आहूत देशव्यापी ग्रामीण बंद को असफल करने के लिए मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान नेताओं को सामूहिक रूप से गिरफ्तार करने की कड़ी निंदा करते हुए उनको रिहा करने की मांग की है। 200 से ज्यादा किसान नेताओं को मुलताई, सिवनी, श्योपुर, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर, छिंदवाड़ा आदि जिलों से गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मधयप्रदेश किसान सभा के उपाध्यक्ष रामनारायण कुरारिया, ग्वालियर जिला सचिव रामजीत सिंह, आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच के नेता अनिल सल्लम, किसान संघर्ष समिति की उपाध्यक्ष आराधना भारद्वाज, संयुक्त किसान मोर्चा के रीवा जिले के संयोजक शिव सिंह, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव, जनवादी महिला समिति की नेता अंजना कुररिया आदि शामिल है। भाजपा सरकार की इस कार्यवाही को कायरतापूर्ण बताए हुए किसान सभा ने कहा है कि मजदूरों और किसानों के आंदोलनों से डरी हुई भाजपा सरकार अब अवैध और संविधान विरोधी कार्यवाहियों का सहारा ले रही है।

संजय-पराते-संयोजक-छत्तीसगढ़-किसान-सभा.
संजय-पराते-संयोजक-छत्तीसगढ़-किसान-सभा.

आज यहां जारी एक बयान में किसान सभा के राज्य संयोजक संजय पराते ने कहा है कि भाजपा सरकार की जनविरोधी और कॉरपोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ देशव्यापी ग्रामीण और औद्योगिक बंद को समाज के सभी तबकों से मिल रहे समर्थन से डरकर की गई इन गिरफ्तारियों से बंद को असफल करने की सरकार की कोशिश विफल होगी। दमन के जरिए संविधान से प्राप्त आम जनता के विरोध करने के लोकतांत्रिक आह्वान को छीना नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि आम जनता अब भाजपा की किसी जुमलेबाजी पर विश्वास नहीं करती और अपनी रोटी-रोजी की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने भी मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार द्वारा चलाए जा रहे दमनचक्र की निंदा की है और कहा है कि आम जनता बंद को सफल बनाकर इसका जवाब देगी। किसान मोर्चा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में ग्रामीण बंद मुकम्मल रहेगा।

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