उ.प्रगाजीपुर

गाजीपुर जिले के एक ब्लॉक के APO के सरपरस्ती में उसके पैतृक गांव में हो रहा बहुत बड़ा खेल

अनुज श्रीवास्तव/अवनीश सिंह

उ.प्र/गाजीपुर जिले में जमानिया ब्लॉक में एक ग्राम सभा पचोखर पड़ती है जो की जमानिया ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव कहा जाता है।इस ग्राम सभा के ग्राम प्रधान जीउत राम है जो की एकमात्र कठपुतली की तरह रखे गए हैं।जबकि उनके पीछे एक बहुत बड़े शख्स का हाथ है। लोगों का कहना भी है कि वह शख्स गाजीपुर जिले के एक ब्लॉक में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी (एपीओ मनरेगा)के पद पर कार्यरत है।

 

यह अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी ग्राम प्रधान का पूरा कार्य करता है।केवल ग्राम प्रधान जीउत राम कठपुतली मात्र हैं। ग्राम सभा की लेनदेन से लेकर पैसों तक का पूरा काम एपीओ साहब ही करते हैं।प्रधान केवल कठपुतली मात्र बने हुए हैं।जब इस ग्राम सभा के कंपोजिट विद्यालय पचोखर पर पत्रकार एके सिंह पहुंचे तो वहां विद्यालय की दशा को देखकर आश्चर्यचकित हो गए।मिशन कायाकल्प के तहत ग्राम प्रधान जीउत राम द्वारा कोई भी कार्य इस विद्यालय पर नहीं कराया गया था।जब की सूत्रों के अनुसार इस विद्यालय पर बाउंड्री वाल के नाम पर पैसा पूरा उतार लिया गया।

 

यह पैसा उतारने का खेल वर्तमान प्रधान एवं इसके तुरंत पूर्व के प्रधान,जो की एपीओ के ही परिवार की थी,उन्होंने ही किया। हालांकि जब प्रधान से इस मामले पर बात की गई तो प्रधान ने कहा कि हम नहीं काम कराते हैं काम महेंद्र यादव कराते हैं।जब महेंद्र यादव से इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि यहां रास्ते का विवाद था इसलिए यहां बाउंड्री वॉल नहीं बनाई गई। अब प्रश्न यह उठता है कि अगर रास्ते का विवाद था तो रास्ता 10 मीटर, 20 मी या 25 मी का रहा होगा उतना छोड़कर बाउंड्री वाल बना दिया गया होता आखिर पूरी बाउंड्री वॉल ही क्यों छोड़ दी गई?इस बाबत महेंद्र यादव ने बताया की और विद्यालय थे छोटे-छोटे वहां हम काम करवाना चाहते थे।लेकिन अगर और विद्यालयों पर काम करवाना चाहते थे तो फिर इस विद्यालय के बाउंड्री वाल का पैसा कैसे उतरा। यह एक बहुत बड़ी जांच का विषय है।जबकि गांव वालों ने बताया की सब कुछ एपीओ साहब के संरक्षण में ही होता है।जो एपीओ साहब चाहते हैं वही कार्य यहां होता है।जब मीडिया की टीम ग्राम सभा में भ्रमण की तो वहां का नजारा हतप्रभ कर देने वाला था।कई मजदूरों ने तो यहां तक बताया कि हम लोगों ने काम किया है और उस काम का पैसा तो आ गया लेकिन यह लोग हम लोगों की मजदूरी नहीं दिए। इस बाबत ग्राम प्रधान जीउत राम से जब बात किया गया तो उन्होंने एक ही बात कही कि सब महेंद्र यादव ही जानते हैं।यह महेंद्र यादव एपीओ साहब के ही परिवार का बताया जाता है।जब महेंद्र यादव से इस बाबत पूछा गया तो महेंद्र यादव ने कहा कि हां कुछ लोगों का बाकी है उनका भुगतान कर दिया जाएगा।अब प्रश्न उठता है कि इस तरीके से इस ग्राम सभा में कार्य कराया जा रहा है।जब ग्राम सभा में आगे बढ़ा गया तो देखा गया की नालियां बजबजा रही थी।ग्राम प्रधान भी इस मामले से पल्ला झाड़ने लगे। हालांकि उस गांव के नवयुवक मंगल दल वालों ने सफाई कर्मियों को पकड़कर गांव की नालियों की सफाई कराई। अगर यह ना सफाई करते तो ग्राम प्रधान गांव में इस तरीके से गंदगी का अंबार लगाते रहते।अब प्रश्न उठता है की क्या यह एपीओ साहब इसी तरह ग्राम सभा के खजाने पर कुंडली मारकर बैठे रहेंगे?हालांकि मीडिया की टीम जिस ब्लॉक में एपीओ साहब तैनात हैं उस ब्लॉक की भी कुंडली खंगालने पर लगी हुई है। एपीओ साहब के पुराने ब्लाकों पर भी मीडिया की टीम जाएगी। ताकि एपीओ साहब को पूरी तरीके से पर्दाफाश किया जा सके।अभी तो यह उनके गांव का केवल नमूना बताया गया।अभी तो इस गांव की सोकपीट,आरसी सेंटर,मनरेगा संबंधी कार्य,अमृतसरोवर,अन्य विद्यालयों पर कार्य आदि की पूरी फिल्म ही बाकी है जो की एक सीरीज के रूप में चलाकर आप लोगों को बताई जाएगी कि एक पढ़े लिखे व्यक्ति जो कि गाजीपुर जिले की एक ब्लॉक में एपीओ पर पर तैनात है और उनकी शह पर किस तरीके का भ्रष्टाचार का नंगा नाच कराया जा रहा है। अगर इस ग्राम सभा की अधिकारियों ने सुध ली और जांच कराया तो सारा दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।ऐसे यहां कई मुद्दे हैं जो की वहां के मठाधीश बने एपीओ साहब के ऊपर भारी पड़ने लगेंगे। इस मामले पर मीडिया की टीम जल्द ही ऊंचे अधिकारियों से मुलाकात करेंगी और मामले को उजागर किया जाएगा।

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