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सबका जम्मू कश्मीर(अवनीश सिंह)
गाज़ीपुर/उत्तर प्रदेश। प्राथमिक विद्यालय सरायकुबरा क्षेत्र मनिहारी जिला गाजीपुर में प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक सुभाष सिंह यादव मिलकर के मिड डे मील में बहुत बड़ा खेल कर रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक बच्चों की वास्तविक उपस्थिति से ज्यादा उपस्थिति रजिस्टर में दिखाकर मिड डे मील में खेल कर रहे हैं।
जब बुधवार के दिन पत्रकारों की एक टीम विद्यालय पर पहुंची तो पहले वहां के सहायक अध्यापक सुभाष यादव ने पत्रकारों से हाथापाई की।उन्होंने बताया कि विद्यालय में पत्रकारों का प्रवेश वर्जित है।जब पत्रकार ने कहा की किसने पत्रकारों को वर्जित किया है तो उन्होंने कहा हमारे अधिकारियों ने।जब खंड शिक्षा अधिकारी मनिहारी हेमंत कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा ऐसा कुछ नहीं है पत्रकारों का प्रवेश वर्जित नहीं है।तब किसी तरह सुभाष यादव ने विद्यालय में पत्रकारों को घुसने दिया हालांकि सुभाष यादव पत्रकारों के साथ विद्यालय में भी बदतमीजी करते रहे।खंड शिक्षा अधिकारी हेमंत कुमार से पत्रकार ने छात्रों की उपस्थिति रजिस्टर देखने का आग्रह किया तब हेमंत कुमार ने प्रधानाध्यापक संतोष कुमार मिश्रा से कहा कि आप रजिस्टर दिखा दीजिए जब प्रधानाध्यापक उठने की कोशिश किये तो सुभाष यादव दौड़ करके रजिस्टर अलमारी में रखकर लाक कर दिया और चाबी ले लिया।उन्होंने कहा कि रजिस्टर हम नहीं दिखा सकते।इस मामले पर हेमंत कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा आपको जो सूचना चाहिए जो देखना है आप देख सकते हैं। लेकिन हेमंत कुमार भी इस सहायक अध्यापक के सामने लाचार दिखे।
इतना ही नहीं एक सहायक अध्यापक हरकेश चौहान भी मौजूद नहीं मिले। जब विद्यालय में छात्रों से पत्रकार ने पूछा आज बुधवार के दिन आपने क्या खाया है तो उन्होंने कहा खिचड़ी। पत्रकार ने कहा कि केवल खिचड़ी खाए हैं तो उन्होंने कहा कि हां हम केवल खिचड़ी खाएं हैं।इस पर सहायक अध्यापक सुभाष यादव पीछे से बोलते रहे की दूध भी मिला है ना!दूध भी मिला है ना!तब बच्चों ने कहा खिचड़ी और दूध मिला है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक बुधवार के दिन उस विद्यालय पर कभी भी दूध नहीं मिलता।केवल खिचड़ी से ही काम चलाया जाता है।
खंड शिक्षा अधिकारी से जब यह बताया गया तो उन्होंने कहा कि जब वह रजिस्टर नहीं दिखा रहे तो हम क्या करें?इसका मतलब यह साफ था कि कहीं ना कहीं कुछ गोलमाल है जिसे शिक्षा विभाग छुपाना चाहता है।यह एक सोचने वाली बात है कि अगर खंड शिक्षा अधिकारी एक सहायक अध्यापक को आदेशित करें और सहायक अध्यापक उनकी बात को ना माने तो इसे क्या कहा जाए?इससे तो साफ स्पष्ट है किया सहायक अध्यापक सुभाष सिंह यादव खंड शिक्षा अधिकारी मनिहारी पर हावी है इनकी बातों को कोई तवज्जो नहीं देता।
इस मामले पर गाजीपुर बीएसए से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर किसी अध्यापक ने पत्रकार के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया तो यह अक्षम्य है।आप एक शिकायत दीजिए पूरे विद्यालय की जांच कराई जाएगी।
अगर वास्तव में इस विद्यालय की जांच कर दी जाए और अधिकारी पक्षपातपूर्ण व्यवहार ना करें तो पूरा खेल जग जाहिर हो जाएगा।
अगर यह कहा जाए कि विद्यालय पर संतोष कुमार मिश्रा प्रधानाध्यापक केवल नाम के हैं पूरा खेल वहां का सहायक अध्यापक सुभाष सिंह यादव कर रहा है तो कहीं अतिशयोक्ति नहीं होगी। इस विद्यालय पर सुभाष सिंह यादव के सामने प्रधानाध्यापक भी लाचार दिखे। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रधानाध्यापक भी अगर एक कदम बढ़ाते हैं तो सुभाष यादव से ही पूछ कर कदम बढ़ाते हैं। इस पूरे विद्यालय को एक सहायक अध्यापक ने हाईजैक कर रखा है।गाजीपुर जिले के शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस मामले से अंजान बने हुए हैं। अब देखना है कि जब पत्रकारों की टीम ने इस मुद्दे को बाहर निकाल दिया तो जिले के आला अधिकारी इस विद्यालय और इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक संतोष कुमार मिश्रा और सहायक अध्यापक सुभाष सिंह यादव पर क्या कार्रवाई करते हैं?