छब्बे चक में पीएम आवास योजना की खुली पोल, सात साल से कच्चे मकान में रह रहा परिवार

सबका जम्मू कश्मीर
छब्बे चक/मढ़ीन तहसील मढ़ीन के अंतर्गत आने वाले गांव छब्बे चक में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की जमीनी सच्चाई एक बार फिर सामने आई है। गांव निवासी शाम लाल पुत्र गुरदयाल पिछले सात वर्षों से कच्चे मकान में रह रहे हैं और अब तक योजना का लाभ पाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
शाम लाल का कहना है कि उनका नाम दो बार योजना में भेजा गया, लेकिन आज तक उन्हें मकान निर्माण के लिए किसी प्रकार की आर्थिक सहायता नहीं मिली। उन्होंने आशंका जताई कि योजना में अनियमितता के चलते जरूरतमंदों को दरकिनार किया जा रहा है।
वहीं, गांव के ही मोहन लाल पुत्र अमरनाथ ने योजना के क्रियान्वयन को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पटवारी, गर्दवार और ग्राम सेवक केवल औपचारिकता निभाते हैं और फोटो खिंचवाकर ग्रांट किसी अन्य को दे दी जाती है। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय लोग भी नाराज़
स्थानीय ग्रामीणों ने भी योजना को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच रहा है। लोगों ने प्रशासन से पारदर्शिता सुनिश्चित करने और पात्र लोगों को उनका हक दिलाने की अपील की है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मीडिया द्वारा आरोपों के संबंध में प्रतिक्रिया जानने पर तत्कालीन ग्राम सेवक, जो वर्तमान में बीडीओ मढ़ीन के पद पर कार्यरत हैं, ने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान मोहन लाल भगत के परिवार से वेरिफिकेशन के लिए दस्तावेज़ मांगे गए थे, लेकिन निर्धारित समयसीमा में दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए।
जब बीडीओ मढ़ीन से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो वे कार्यालय में अनुपस्थित मिले। कार्यालय में मौजूद कर्मियों ने जानकारी दी कि वे जिला मिनी सचिवालय में एक बैठक में शामिल होने गए हैं।