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बेसुध दावे और कड़वा सच: बालटाल में अमरनाथ यात्रियों पर लाठीचार्ज, व्यवस्थाओं की पोल खुली

सबका जम्मू कश्मीर

 बालटाल/ किशनपुर कंडी/ छनअरोड़ा/कठुआ(7 जुलाई): एक ओर जहां प्रशासन अमरनाथ यात्रा को लेकर “बेहतर और भव्य इंतजामों” के दावे कर रहा है, वहीं दूसरी ओर इन दावों की हकीकत बालटाल में सामने आई। पंजीकरण को लेकर हुए विवाद के बाद पुलिस द्वारा श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज किए जाने से हड़कंप मच गया और अफरातफरी का माहौल बन गया।

घटनास्थल पर मौजूद यात्रियों ने बताया कि उन्हें पंजीकरण केंद्र पर स्पष्ट जानकारी दिए बिना वापस भेज दिया गया। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें वहां से जबरन हटाने की कोशिश की।

एक श्रद्धालु ने आक्रोश में कहा, “हम हज़ारों किलोमीटर दूर से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आए थे, लेकिन यहां हमें धक्के और लाठियां मिल रही हैं। अगर यह व्यवस्था है, तो फिर अव्यवस्था किसे कहेंगे?”

इस घटना ने यात्रा प्रबंधन की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। जबकि शासन-प्रशासन यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बता रहा है, वहीं ज़मीनी सच्चाई इससे एकदम उलट नजर आ रही है।

मोगा सेवा दल तक पहुँची पीड़ा

बालटाल से वापस लौटे कई यात्री कठुआ-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सन्नी मीरपुर के निकट बाबा बर्फानी लंगर कमेटी मोगा (पंजाब) के लंगर शिविर में पहुँचे। यहां मोगा से आए युवा स्वयंसेवकों ने जब उनसे अधूरी यात्रा का कारण पूछा, तो उन्होंने रोते हुए बालटाल में हुई घटना को विस्तार से बताया।

श्रद्धालुओं ने बताया कि भारी यात्रा प्रेम और विश्वास के बावजूद उन्हें अपमान और चोटें मिलीं। उन्होंने “सबका जम्मू-कश्मीर” समाचार पत्र के संवाददाताओं से भी अपनी आपबीती साझा की और प्रशासन से न्याय और भविष्य में बेहतर प्रबंधन की मांग की।

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लेकिन आहत श्रद्धालुओं का दर्द और नाराज़गी साफ दिखाई दे रही है।

“बाबा के दर्शन से पहले मिली लाठियां, अब तो प्रशासन ही जवाब दे” – लौटते यात्री की पीड़ा।

 

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