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आकाशवाणी जम्मू संगीत ऑडिशन में भारी गड़बड़ी का आरोप, अधिवक्ता डोगरा हरीश कैला ने की जांच और गिरफ्तारी की मांग

सबका जम्मू कश्मीर

जम्मू, 29 जून 23 और 24 जून 2025 को आकाशवाणी (एआईआर) जम्मू द्वारा आयोजित संगीत ऑडिशन पर अब विवाद खड़ा हो गया है। डोगरी सांस्कृतिक संस्था के अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता डोगरा हरीश कैला ने इस ऑडिशन में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इसे तुरंत रद्द करने, रिकॉर्ड जब्त करने और जिम्मेदार व्यक्ति की गिरफ्तारी की मांग की है।

कैला ने बताया कि ऑडिशन की प्रक्रिया एक ऐसे तबला वादक ने संचालित की, जो पिछले 15 वर्षों से सक्रिय रूप से न तो तबला बजा रहा है और न ही उसके पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से कोई शैक्षणिक योग्यता है। इसके बावजूद उसे संगीत एवं ललित कला संस्थान में बी. म्यूज़ की परीक्षाओं का परीक्षक नियुक्त किया गया।

अधिवक्ता कैला ने दावा किया कि उक्त व्यक्ति ने कई सरकारी आयोजनों, जिनमें राजभवन और अभिनव थियेटर शामिल हैं, वहां पर पाकिस्तानी गाने प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि “जो व्यक्ति सरकारी मंचों पर पाकिस्तानी गीत गा चुका है, उसे भारतीय सांस्कृतिक पहचान का प्रतिनिधित्व करने और युवाओं का मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी कैसे दी जा सकती है?”

उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ सांस्कृतिक ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर चिंता का विषय है।

कैला ने केंद्रीय गृहमंत्री और सूचना एवं प्रसारण मंत्री से मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की अपील की है। उन्होंने मांग की है कि ऑडिशन की प्रक्रिया को अमान्य घोषित किया जाए, दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, और “काम नहीं तो वेतन नहीं” के सिद्धांत के तहत उसकी सेवा और वेतन की जांच हो।

उन्होंने प्रसार भारती के सीईओ से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि क्या किसी भी मान्यता के बिना किसी को आधिकारिक ऑडिशन लेने और व्यावसायिक परीक्षक बनने की अनुमति दी जा सकती है।

साथ ही, उन्होंने आकाशवाणी जम्मू के स्टेशन निदेशक और जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति से प्रेस वार्ता कर स्पष्टीकरण देने की मांग की है कि ऐसे व्यक्ति को नियुक्त करने की अनुमति किसने और किस आधार पर दी।

इस पूरे मामले से स्थानीय संगीत और सांस्कृतिक जगत में नाराज़गी और आक्रोश फैल गया है। लोग अब एक निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं ताकि आकाशवाणी जैसे राष्ट्रीय संस्थानों की गरिमा और पारदर्शिता बनी रहे।

 

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