आल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ एससी, एसटी,ओबीसी ऑर्गनाइजेशन ने नए मुख्य न्यायाधीश ( सीजेआई) के स्वागत में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर , उम्मीद भी जताईं

जम्मू/राजौरी, (अनिल भारद्वाज)
अखिल भारतीय अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग संगठनों के परिसंघ ( आल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ एससी, एसटी,ओबीसी ऑर्गनाइजेशन) ने अपने कार्यालय में राज्य अध्यक्ष आरके कलसोत्रा के नेतृत्व में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जिसमें इंजीनियर बीएल भारद्वाज, बंसी लाल चौधरी, अमीरुद्दीन कसाना, डॉ. रमेश कैथ, प्रभुदयाल, रवि पंघी, शिव करयाल, रवि पुंछी शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने भारत के नवनियुक्त मुख्य न्यायाधीश (
सीजेआई) बीआर गवई का स्वागत किया। आरके कलसोत्रा ने कहा कि उनके सम्मानित नेतृत्व में हम एक ऐसी न्यायपालिका की आशा करते हैं जो समाज के सभी वर्गों साथ विशेष रूप से ऐतिहासिक रूप से वंचित समुदायों की आकांक्षाओं के प्रति अधिक समावेशी, पारदर्शी और उत्तरदायी हो।
न्यायपालिका हमारे लोकतांत्रिक ढांचे में न्याय और समानता का अंतिम गढ़ है। इस प्रकार, इसमें हमारे संविधान की विविधता और समावेशी भावना भी प्रतिबिंबित होनी चाहिए।
कलसोत्रा ने कहा कि परिसंघ ने इससे पहले 30 अक्टूबर, 2024 को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश से मुलाकात की थी और पदोन्नति में आरक्षण के कार्यान्वयन, डॉ. बीआर अंबेडकर की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए उनकी एक प्रतिमा स्थापित करने, एससी,एसटी अत्याचार अधिनियम के सख्त कार्यान्वयन, न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली में संशोधन, न्यायिक प्रणालियों में एससी/एसटी/ओबीसी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं का प्रतिनिधित्व जैसे विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला था। परिसंघ द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों को माननीय कानून और न्याय राज्य मंत्री ने भी संबोधित किया था और उन्होंने उन्हें उच्च न्यायालय जम्मू-कश्मीर के माननीय मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव को भी सिफारिश की थी। आर के कलसोत्रा ने कहा कि हमें उम्मीद है और विश्वास है कि नए सीजेआई की नियुक्ति के साथ, इन मुद्दों को प्रभावी तरीके से निपटाया जाएगा और डा. बीआर अंबेडकर द्वारा स्थापित संवैधानिकता के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए सभी स्तरों पर आवश्यक हस्तक्षेप किए जाएंगे। इस कॉन्फ्रेंस में अन्य सदस्यों ने भी अपने विचार रखे।