अवनीश सिंह/अनुज श्रीवास्तव
गाजीपुर/उत्तर प्रदेश
भले ही उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने की कसम खा ली हो लेकिन कुछ अधिकारी अपनी हरकतों से बाज आने का नाम ही नहीं ले रहे।ना उन्हें सरकार का डर और ना ही उन्हें किसी सरकारी तंत्र का। उन्हें लगता है की हर चीज सेटिंग से कर ली जाएगी।
जी हम बात कर रहे हैं गाजीपुर जिले के देवकली पंप नहर खंड द्वितीय के भूतपूर्व अवर अभियंता तृप्ति नाथ की। तृप्ति नाथ गाजीपुर जिले के देवकली पंप नहर खंड द्वितीय में लगभग 7 सालों से अधिक समय तक जमे रहे।उत्तर प्रदेश सरकार की स्थानांतरण नीति के तहत उनका स्थानांतरण मिर्जापुर जनपद के लिए कर दिया गया। लेकिन इस अवर अभियंता ने कसम खा ली है कि हम मिर्जापुर नहीं रहेंगे।हम गाजीपुर में ही जमे रहेंगे।इसी जुगत में इसने गाजीपुर जिले में अपने सरकारी आवास को आज तक खाली नहीं किया।सूत्रों के मुताबिक विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से गाजीपुर जिले में जो उनका सरकारी आवास है उसमें अवैध रूप से तृप्ति नाथ निर्माण भी करवा रहे हैं और बहुत जल्द ही पुनः शिफ्ट होने वाले हैं।जब तृप्तिनाथ से इस बारे में बात करने की कोशिश की गई तो उनका मोबाइल नंबर नहीं लगा। सूत्रों के मुताबिक तृप्तिनाथ जब गाजीपुर जिले में थे तो वह मठाधीशी किया करते थे और अधिकारियों को ब्लैकमेल कर फर्जी भुगतान भी करवाते रहे हैं।
इनके बारे में बताया जाता है कि अपने समय में इनके द्वारा गाजीपुर में आवासीय कॉलोनी में लगे हुए वृक्षों को कटवा कर बेच दिया जाता था तथा व्यक्तिगत कार्यों में भी उपयोग लाया जाता था।अपने इन्हीं सब हरकतों की वजह से वह पुनः एक बार गाजीपुर में जमे रहने के लिए पूरी तरह से जोर आजमाइश कर रहे हैं।गाजीपुर जिले में जमें रहने के लिए इन्होंने अपने औरत की तबीयत खराब होने का हवाला देना शुरू कर दिया है।अब सवाल उठता है कि जब व्यक्ति मिर्जापुर में नौकरी करता है तो फिर गाजीपुर में सरकारी आवास में कैसे रह सकता है।इतना ही नहीं इस मामले पर विभाग भी कुछ कहने से कतरा रहा है।तृप्ति नाथ के कारनामे किसी से छुपे नहीं हैं। अपने समय में तृप्ति नाथ के द्वारा कराए गए कार्यों की अगर एक बार जांच करवा दी जाए तो सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।तृप्ति नाथ अभी भी गाजीपुर में रहकर मठाधीशी करना चाहते हैं फिर भी विभाग के बड़े अधिकारी मौन साधे हुए हैं।जब इस मामले पर लोगों से बात की गई तो लोगों ने बताया कि अधिकारियों की मौन साधने का सबसे बड़ा कारण तृप्ति नाथ अधिकारियों को ब्लैकमेल भी करता है और एससी एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी भी देने लगता है इसीलिए अधिकारी चुप हो जाते हैं।इसी वजह से विभाग सब कुछ जानते हुए मौन बना हुआ है। कुछ पत्रकार बंधु तृप्ति नाथ द्वारा कराए गए कार्यों की खोज कर रहे हैं कि आखिर तृप्ति नाथ ने कहां-कहां कार्य करवाए हैं।कुछ कार्यों को तो ले लिया गया है लेकिन उनके खिलाफ और सबूत जुटाकर इनके ऊपर कार्रवाई करवाने की व्यवस्था में लगे हुए हैं।