पटनाबिहार

भागवत ग्रंथ पवित्र ग्रंथ है : राघव कृष्ण शास्त्री

अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। जगनपुरा के देवनगर मे ,शाहपुर पिपरा रोड, पटना अवस्थित भागवत कथा के सातवें दिन श्री सर्वेश्वर दास जी महाराज कथा वाचक राघव कृष्ण शास्त्री (वरसाना धाम) जी द्वारा राजा नृग कथा, परीक्षित मोक्ष के साथ कथा का विश्राम हुआ। कथा में भारत सरकार के पूर्व मंत्री तथा पटना साहिब के सांसद “रवि शंकर प्रसाद जी” पहुंचकर कथा सुने, महाराज जी से आशीर्वाद लिए और अपना आशीर्वचन में अयोध्या के भव्य मंदिर की विशेषताएं बता कर कथा प्रेमियों के साथ बैठकर कथा सुने।भागवत कथा के संयोजक श्रवण यादव,सुनील कुमार, गौतम यादव, अध्यक्ष गौतम यादव, तथा भूपेंद्र जी, मनीष सिंह, जयशंकर सिंह, मुन्ना कुमार उपस्थित रहे कथा के सफल आयोजन के लिए सांसद महोदय ने संयोजक श्रवण यादव सहित समिति के सभी सदस्यों तथा सफाई करने वाले तक को सम्मानित करते हुए धन्यवाद दिए। हममे से बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो रुचिकर न लगने वाले पदार्थ को पहले समाप्त कर देते हैं और रुचिकर को बाद में आराम से भोगना चाहते हैं। भागवत कथा के समापन अवसर पर बोलते हुए कथा वाचक राघव कृष्ण शास्त्री (वरसाना धाम) जी ने बताया की भागवत ग्रंथ पवित्र ग्रंथ है। भागवत कथा सुनने से ही राजा परीक्षित की सद्गति हो गई थी। कथा को मोक्ष प्राप्ति के लिए समाज को इसका श्रवण करना चाहिए। राजा परीक्षित ने सात दिन तक मन से कथा श्रवण किया। परीक्षित को ऋषि के श्राप के कारण तक्षक नाग ने काटा और उनके जीवन का अंत हो गया। कथा के प्रभाव से उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ और नाम अजर-अमर हो गया। भागवत जी की पूजा-अर्चना की गई।

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