भारतीय प्राचीन विद्या का उद्देश्य बेहतर मनुष्य बनाना -डॉ. सतीश राय
अनुज श्रीवास्तव/संजय राव
बिहार/बेतियां। भारतीय प्राचीन विद्या का उद्देश्य था कि बेहतर मनुष्य बनाएं। 1917ई. में बिहार में प्रथम पटना विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। उसके बाद बिहार विश्वविद्यालय की स्थापना की गई ।आज शिक्षा का बजारीकरण हो गया है ।स्नातकोतर का मतलब ज्ञान से परिपूर्ण होना होता है। राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय अपने अनुशासन से जाना जाता है ।उक्त बातें स्थानीय राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय में शुक्रवार को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुभारंभ समारोह में प्रोफेसर (डॉ.) सतीश कुमार राय ने कहीं। प्रोफेसर राय ने आगे कहां कि 1854 ईस्वी में तीन विश्वविद्यालय खुले जिसमें कोलकाता, मुंबई और मद्रास विश्वविद्यालय शामिल है ।वही संयोजक डॉक्टर संजय कुमार यादव विभाग अध्यक्ष हिंदी विभाग अध्यक्ष ने कहा कि हमें काफी खुशी हो रही है कि महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई का शुभारंभ किया जा रहा है। जबकि कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ.)राजेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि हम अपने अतिथियों का स्वागत करते हैं और आशा करते हैं कि आप हमें इसी प्रकार सहयोग करते रहेगें। कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में प्रोफेसर आर.एन. यादव ,संत साह ,डॉक्टर मधुसूदन प्रसाद श्रीवास्तव सहित कई अन्य शामिल रहे।