अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। रविवार को बिहार स्टेट बैंक ऑफ बड़ौदा एम्पलाइज यूनियन (बिहार-झारखंड) का स्वर्ण जयंती सम्मेलन फ्रेजर रोड स्थित एक होटल में समारोह पूर्वक संपन्न हुआ।
कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन सुबह करीब 10.45 बजे हुआ। उद्घाटन समारोह में बैंकिंग उद्योग के शीर्षतम यूनियन नेता और प्रमुख वरिष्ठ बैंक कार्यकारी मौजूद थे।
जिसमें महासचिव एनसीबीई और संयोजक यूएफबीयू
संजीव के. बंदलिश, महासचिव मिलिंद नाडकर्णी एआईबीओबीईएफ एवं सीनियर वी.पी.,अध्यक्ष- एआईबीओबीईएफ एवं संयुक्त सचिव एनसीबीई विनिल सक्सेना
महासचिव एनसीबीई बिहार – एसबीआई राजू कुमार सिंह
महाप्रबंधक एवं अंचल प्रमुख, बैंक ऑफ बड़ौदा, पटना, सोनम टी. भूटिया,
उप महाप्रबंधक (नेटवर्क), बैंक ऑफ बड़ौदा बी.के. झा,
क्षेत्रीय प्रमुख, बैंक ऑफ बड़ौदा, पटना,शिव शंकर सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
विचार-विमर्श के दौरान प्रबंधन के लोगों ने एनसीबीई यूनियन से जुड़े अवार्ड स्टाफ के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला, जिसके कारण तीनों बैंक यथा स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज बैंक, जहां एनसीबीई बहुमत में है, सबसे ज्यादा विकसित हुए हैं, बल्कि यह कहें कि वे पूरे बैंकिंग उद्योग की रीढ़ हैं।
यूनियन नेताओं ने बैंक के समग्र विकास के लिए राष्ट्रीयकरण से लेकर संगठन के सदस्यों के योगदान और भूमिका पर भी प्रकाश डाला और साथ ही बैंक के उत्थान के लिए एक साथ बढ़ने के नारे के साथ-साथ कर्मचारियों की वृद्धि और आराम क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि अप्रैल 2019 से बैंक ऑफ बड़ौदा में देना बैंक और विजया बैंक के विलय के बाद, कार्य संस्कृति में बदलाव के कारण हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन
उन्होंने उम्मीद किया कि वे इस स्थिति से उबरने के लिए भी आशावादी हैं।
बिहार स्टेट बैंक ऑफ बड़ौदा कर्मचारी संघ के महासचिव संजय कुमार ने कहा कि आज इस स्वर्ण जयंती सम्मेलन की मेजबानी का अवसर पाकर वे काफी भावुक हैं और वह भी अपने यूनियन के सभी पुराने महासचिवों की उपस्थिति में। जो इस संघ के गठन से ही इस पद पर काबिज हैं।