अनुज श्रीवास्तव/रंजीत सिन्हा
बिहार/पटना। पटना से उमराह करने के लिए 17 जायरीन मर्द,औरत और बच्चे पटना से मक्का के लिए रवाना हो गए हैं। रोजेदार नमाजियों की धारणा है कि रमजान के महीने में मक्का और मदीना में रह कर रोजे रखना एक सुनहरा और यादगार मौका है। जो इबादत के नजरिये से बहुत अहम माना जाता है। वे रमजान के महीने में मक्का और मदीना में इबादत करने का खूबसूरत मौका मानते हैं। पांचों वक्त फज्र,जौहर, अस्र,मगरिब व ईशा के साथ तरावीह की नमाज अदा करना, कुरान शरीफ की तिलावत, सेहरी और इफ्तारी करने वाले इबादत गुजार खुद को खुशकिस्मत समझते हैं। क्योंकि दुनिया भर से कई मुसलमान इस पवित्र जगह पर इकठ्ठा होते हैं। उमराह करने के लिए तीन मुख्य प्रक्रिया की जाती है। जिसमें इहराम,तवाफ और सईं (हलाक) शामिल हैं। रमजान और उमराह दोनों ही गुनाहों की माफी मांगने और खुद को पाक करने के लिए बड़े मुकद्दस है।